DNA और FSL रिपोर्ट से खुली सच्चाई, झूठे केस में फंसा युवक कोर्ट से बरी
रोहतक: एडिशनल सेशन जज संदीप दुग्गल की कोर्ट ने महिला से रेप के मामले में आरोपी पुलिस अधिकारी के पुत्र को बरी कर दिया है। महिला की ओर से लगाए गए रेप के आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो पाए। साथ ही एसएफएल रिपोर्ट और डीएनए भी मैच नहीं हुआ। लिहाजा कोर्ट ने इस युवक को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील ओपी चुघ ने कोर्ट में पैरवी की। रेप के आरोप की वजह से यह युवक करीब पौने 2 साल तक जेल में रहा। वकील चुघ ने रविवार को इस पूरे केस के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
गौरतलब है कि 6 अप्रैल 2023 को बसंत विहार निवासी नवनीत उर्फ नीटू के खिलाफ एक महिला से रेप के मामले में महिला पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था। महिला ने बताया था कि उसकी शादी सोनीपत जिला के एक गांव निवासी व्यक्ति से हुई थी। शादी के बाद एक बेटा हुआ लेकिन पिछले 5 साल से पति से मनमुटाव चल रहा है। इस वजह से वह रोहतक में अपनी मां के घर पर रह रही है। 28 अगस्त 2020 को पति का दोस्त मूलरूप से सोनीपत जिला के भैंसवाल गांव निवासी और फिलहाल वसंत विहार में रहने वाला नवनीत नीटू उसके घर पर आया। वह घर पर अकेली थी। वह अपने साथ जूस लेकर आया था।
महिला ने लगाए ये आरोप
उसने जूस के गिलास में कोई नशीला पदार्थ मिला मिला दिया। यह जूस पीने के बाद उसे चक्कर आने लग गए। बेहोशी की हालत पर उसके साथ गलत काम किया गया। इस बात का पता उसे होश में आने पर चला। उसने यह बात अपनी मां को बताने की कही तो नवनीत ने उसे धमकी दी कि इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो बना ली है और इसे सार्वजनिक कर देगा। साथ ही इंटरनेट पर भी लीक कर दी जाएगी। उसके लड़के को भी जान से मारे देगा। यही नहीं नवनीत ने उसके साथ शादी का भी झांसा दिया।
बोली- दो साल पहले किया रेप
अपनी शिकायत में इस महिला ने बताया कि 4 अप्रैल 2023 को नवनीत उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर रामगोपाल कॉलोनी की गली से अपने पिता के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सुनारिया स्थित सरकारी क्वार्टर में लेकर गया, जहां फिर जूस में नशीला पदार्थ मिला दिया। नशे की हालत में उसके साथ गलत काम किया। फिर इस सारे घटनाक्रम की वीडियो बना ली। महिला का कहना है कि इसके बाद नवनीत उसे रोहतक में सेक्टर-4 की पुलिया के पास छोड़कर चला गया। वह धमकी देता कि उसके पिता पुलिस में नौकरी करते हैं। इसलिए वह कुछ नहीं बिगाड़ सकती है।
पुलिस ने दर्ज किया था मामला
महिला का कहना है कि नवनीत से एक कोरे कागज पर उससे हस्ताक्षर करा लिए और बाद में उसे ज्ञात हुआ कि लिव इन रिलेशनशिप में झूठे कागजात भी बना लिए। उसने जब शादी की बात की तो वह आनाकानी करने लग गया। महिला पुलिस स्टेशन में इस शिकायत के आधार पर आरोपी नवनीत नीटू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एन), 377, 506 के तहत केस दर्ज किया गया था। केस दर्ज होने के बाद महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया। साथ ही काउंसलिंग भी कराई। केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तार न होने पर कोर्ट ने पहले 29 अप्रैल और फिर 29 मई को नवनीत नीटू के गिरफ्तारी वारंट जारी किए। कोर्ट के आदेश पर ही 29 जुलाई विज्ञापन जारी करवाए गए और 16 सितंबर को आरोपी के रिहायशी मकान और सार्वजनिक स्थानों पर यह विज्ञापन चिपकाए गए। 27 सितंबर को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
कोर्ट में साबित नहीं हुए रेप के आरोप
कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील ओपी चुघ ने पैरवी की। चुघ ने मजबूत तर्क कोर्ट में प्रस्तुत किए। कोर्ट में पेश की गई एसएफएल रिपोर्ट और डीएनए भी मैच नहीं हुआ। आरोप लगाने वाली महिला रेप का आरोप कोर्ट में साबित नहीं कर पाई। चुघ ने बताया कि महिला ने एफआईआर में पहली बार अपने साथ 28 अगस्त 2020 को रेप होने की बात कही है। जबकि एफआईआर अप्रैल 2023 में दर्ज कराई गई। वरिष्ठ वकील ओपी चुघ के मुताबिक तमाम प्रकार के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही एडिशनल सेशन जज संदीप दुग्गल ने शनिवार को नवनीत नीटू को रेप के आरोपों से बरी कर दिया। रेप के मामले की वजह से उसे बेवजह ही करीब पौने 2 साल तक जेल में रहना पड़ा।