रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सुकमा स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय सहित पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश की छह करोड़ दस लाख रुपये की संपत्ति को अंतरिम रूप से कुर्क कर लिया है।

राजनीतिक दल के कार्यालय पर इस तरह कार्रवाई का पहला मामला
किसी राजनीतिक दल के कार्यालय को ईडी द्वारा कुर्क करने का यह पहला मामला बताया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने ईडी की इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताया है।

ईडी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई है, जो शराब घोटाले से प्राप्त अवैध आय से संबंधित है। कुर्क की गई संपत्तियों में रायपुर और सुकमा स्थित भूखंड, भवन, बैंक खातों में जमा राशि और सुकमा का जिला कांग्रेस कार्यालय शामिल है, जो हरीश लखमा के नाम पर दर्ज है।

कवासी लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया

ईडी ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश के आवासों पर छापेमारी की थी। कवासी लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है।

शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपित बनाया गया
ईडी ने अपने आरोपपत्र में कवासी लखमा को शराब घोटाले के सिंडिकेट का एक प्रमुख सदस्य बताया है। ईडी की जांच में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए इस शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपित बनाया गया है।

6,000 पन्नों के आरोपपत्र दायर किया ईडी ने
ईडी द्वारा अदालत में प्रस्तुत 6,000 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार, रायपुर के पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट ने 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कराकर इस घोटाले को अंजाम दिया। इस पूरे षड्यंत्र में आबकारी अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता बताई गई है।