धन-धान्य से होंगे पूर्ण और अक्षय फल की होगी प्राप्ति, बस आषाढ़ मास की इन तिथियों पर करें इन तरीकों से व्रत-पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आषाढ़ मास शुरू होते ही चातुर्मास का प्रारंभ हो जाता है. आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और आश्विन मास हिंदू धर्म में बेहद ही खास और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले होते हैं. इन मास में आने वाली तिथियां काफी महत्वपूर्ण होती है. आषाढ़ मास में दो पक्ष होते हैं जिसमें कई महत्वपूर्ण तिथियों का आगमन, मानव कल्याण के लिए होता है. यदि इन तिथियों पर समर्पित देव की विधि विधान से पूजा अर्चना, आराधना, व्रत आदि करने और गरीब जरूरतमंद व्यक्तियों को उनके दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएं जैसे वस्त्र, फल, सब्जियां, जूते, चप्पल, मौसमी फल आदि दिया जाए, तो अक्षय फल की प्राप्ति होती है.
क्या है आषाढ़ मास का महत्व
आषाढ़ मास की खास स्थितियों के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि आषाढ़, चातुर्मास का पहला महीना होता है. आषाढ़ मास में होने वाली कुछ तिथियां बेहद ही खास होती है. इन तिथियों पर यदि समर्पित देव की पूजा अर्चना, पूजा पाठ, व्रत, आदि विधि विधान से किया जाए, तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ अक्षय फल की प्राप्ति होती है. आषाढ़ मास में दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल का आगमन होता है, जिसमें कृष्ण पक्ष से ही खास तिथियां का आगमन हो जाता है.
कौनसी हैं शुभ तिथियां
वह आगे बताते हैं कि आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष की पहली खास तिथि गणेश भगवान की पूजा अर्चना, पूजा पाठ, व्रत आदि से शुरू होती है, जिसमें कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि, दशमी तिथि, द्वादशी, त्रयोदशी, और अमावस्या तिथि बेहद ही शुभ होती है. ऐसे ही आषाढ़ शुक्ल पक्ष की खास तिथियां द्वितीय तिथि, तृतीया तिथि, चतुर्थी तिथि, षष्ठी तिथि, सप्तमी तिथि, अष्टमी तिथि, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा के दिन समर्पित देव की पूजा अर्चना, आराधना, स्तोत्र, व्रत आदि करने पर अक्षय फल की प्राप्ति होती है.
गरीब और जरूरतमंदों की करें मदद
इन तिथियां पर धार्मिक कार्य करने के साथ ही गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र और दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएं, फल, सब्जियां, बर्तन आदि देने पर जीवन सुखमय हो जाता हैं.