छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन उठा भारतमाला परियोजना अनियमितताओं का मुद्दा, विपक्ष ने किया हाईकोर्ट जाने का ऐलान

छत्तीसगढ़ विधानसभा: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन की कार्यवाही शुरू हुई। सदन में एक बार फिर भारतमाला परियोजना के मुआवजे का मुद्दा गूंजा। विधायक अनुज शर्मा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखते हुए ई-वे बिल जांच के नाम पर अवैध वसूली का मुद्दा उठाया। इसके अलावा विधायक ओमकार साहू ने धमतरी जिले में अवैध प्लाटिंग का मामला सदन के समक्ष रखा। सदन में छत्तीसगढ़ पंचायत राज संशोधन विधेयक पेश किया गया। मंत्री रामविचार नेताम ने संबंधित विभागों पर चर्चा की और बजट अनुदान मांगों पर विस्तार से अपनी बात रखी।
कांग्रेस ने सीबीआई पर लगाई थी रोक
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही जारी है। मामले पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बड़ा बयान। कहा- जांच में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। कांग्रेस सरकार ने सीबीआई पर रोक लगाई थी। नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की कमेटी बनाकर जांच की मांग की। भारतमाला परियोजना में अनियमितताओं को लेकर सदन में हंगामा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक। नेता प्रतिपक्ष ने हाईकोर्ट जाने का किया ऐलान। हाईकोर्ट जाने की घोषणा के साथ वॉकआउट किया। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट किया।
अवैध प्लाटिंग मामले में सीबीआई जांच की मांग
धमतरी जिले में अवैध प्लाटिंग के मामले में राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा ने मामले की जांच कमिश्नर से कराने की घोषणा की। हालांकि नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है और इसे सीबीआई को सौंप देना चाहिए। प्रश्नकाल में भारतमाला परियोजना: प्रश्नकाल में एक बार फिर भारतमाला परियोजना का मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने 32 प्लॉट को 247 टुकड़ों में बांटने के मामले पर सवाल उठाए। उन्होंने कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में सामने आई जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि नायकबांधा में 13 खसरों को 53 प्लॉट में बांट दिया गया है। राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा ने कहा कि जांच में सामने आया है कि फर्जी नामांतरण से सरकार को नुकसान हुआ है। इस मामले में नायब तहसीलदार और 3 पटवारियों को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन तहसीलदार अभनपुर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष ने की सीबीआई जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसका निराकरण पारदर्शिता के साथ सीबीआई के माध्यम से ही होना चाहिए।