मुंबई में एक शब्द ने बदल दी महिला की जिंदगी, 'बदामी' से लौट आई याददाश्त!

मुंबई में एक शब्द से महिला की जिंदगी बदल गई. सात साल पहले एक महिला मुंबई में लापता हो गई थी. तभी से महिला मुंबई की सड़कों पर भटक रही थी. उसकी याददाश्त चली गई थी. उसे कुछ भी याद नहीं था. वह कौन हैं? कहाँ से हैं? जैसे किसी भी सवाल का उसे कुछ भी नहीं पता था. हालांकि, इसी बीच अचानक महिला के मुंह से ‘बदामी’ शब्द निकलने से उसका जीवन बदल गया. उसकी याददाश्त वापस आ गई. यह कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगेगी, लेकिन यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है.
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पाली में कस्तूरी पाटिल नाम की एक महिला दर-बदर भटक रही थी. वह अपनी याददाश्त बदल भूल गई थी. वह भीख मांगकर और कूड़े से उठाकर खाना खा रही थी. महिला की दयनीय स्थिति को देखते हुए कुछ स्थानीय लोगों ने सोशल एंड इवेंजेलिकल एसोसिएशन फॉर लव (SEAL) को महिला की जानकारी दी गई. सील एक सामाजिक संगठन है, जो बेघर लोगों की मदद करता है.
‘बदामी’ शब्द से बदली जिंदगी
संगठन के लोग महिला को अपने साथ ले गया था, जहां दिन-प्रतिदन उसकी हालत सुधर रही थी. इसी बीच एक दिन महिला ने ‘बदामी’ शब्द कहा. इस शब्द को सुनते ही SEAL के सदस्य ने शब्द पर ध्यान दिया. उन्होंने पता था कि बादामी कर्नाटक के बागलकोट जिले का एक शहर है. बदामी शब्द सुनते ही उन्होंने तुरंत बदामी पुलिस से संपर्क साधा और उनको महिला की तस्वीर भेजी. साथ ही लापता होने की जानकारी दी.
वापस आई याददाश्त
बादामी पुलिस ने फोटो मिलते ही महिला के परिवार की तलाश शुरू कर दी. पुलिस को पता चला कि सात साल पहले कस्तूरी की बेटी देवम्मा भिंगारी ने अपनी मां के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने यह जानकारी सील संस्था के सदस्यों को दी. मां के मिलने के जानकारी होते ही बेटी देवम्मा बहुत खुश हो गई. इसके बाद तुरंत मां से मिलने के लिए निकल गई. बेटी के लिए यह पल किसी चमत्कार से कम नहीं था. बेटी को देखते ही महिला की याददाश्त वापस आ गई.
क्यों छोड़ा था घर?
7 साल पहले लापता हुई मां के मिलने की उम्मीद बेटी ने खो दी थी. बेटी ने बताया कि पति ने दुसरी शादी कर ली थी. जिससे उन पर दुखों का पहाड़ टूट गया था. मां अपनी बहन के यहां रहने लगी थी, लेकिन बाद में वह वहां से बिना बताए चली गई थी.
मुंबई में एक शब्द से महिला की जिंदगी बदल गई. सात साल पहले एक महिला मुंबई में लापता हो गई थी. तभी से महिला मुंबई की सड़कों पर भटक रही थी. उसकी याददाश्त चली गई थी. उसे कुछ भी याद नहीं था. वह कौन हैं? कहाँ से हैं? जैसे किसी भी सवाल का उसे कुछ भी नहीं पता था. हालांकि, इसी बीच अचानक महिला के मुंह से ‘बदामी’ शब्द निकलने से उसका जीवन बदल गया. उसकी याददाश्त वापस आ गई. यह कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगेगी, लेकिन यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है.
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पाली में कस्तूरी पाटिल नाम की एक महिला दर-बदर भटक रही थी. वह अपनी याददाश्त बदल भूल गई थी. वह भीख मांगकर और कूड़े से उठाकर खाना खा रही थी. महिला की दयनीय स्थिति को देखते हुए कुछ स्थानीय लोगों ने सोशल एंड इवेंजेलिकल एसोसिएशन फॉर लव (SEAL) को महिला की जानकारी दी गई. सील एक सामाजिक संगठन है, जो बेघर लोगों की मदद करता है.