पटना। प्रदेश का मौसम तेजी से बदल रहा है। गुरुवार को तेज पछुआ ने वातावरण में नमी बढ़ा दी, जिससे शाम के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पूरे उत्तर भारत में फिलहाल पछुआ का जोर है। ऐसे में अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान सामान्य रहेगा।

मौसम विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि प्रदेश का मौसम अभी काफी तेजी से बदल रहा है। कभी वातावरण काफी शुष्क हो जा रहा है तो कभी पछुआ की गति बढ़ने पर सुबह-शाम ठंड में वृद्धि हो जा रही है। इस तरह की स्थिति इस माह तक जारी रहने की उम्मीद की जा रही है।

औरंगाबाद रहा सबसे गर्म
गुरुवार को राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान औरंगाबाद रहा, यहां का अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी में न्यूनतम तापमान 16.5 एवं अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक
राजधानी की हवा में आर्द्रता 70 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि राज्य में मौसम में आगे भी उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है। आजकल राज्य के न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रह रहा है।

भागलपुर में आज के मौसम का हाल
जिले में आज सुबह के समय हल्का कोहरा रहने के बाद धूप निकलेगी, दिन में गर्मी महसूस होगी। तेज पछुआ हवा चलेगी और मौसम साफ रहने का अनुमान है। शाम से सुबह तक ठंड का असर रहेगा।
हवा में प्रदूषण कम होगा। आज दिन का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।

बक्सर : बढ़ते तापमान ने बढ़ाई किसानों की टेंशन
तेज धूप और पछुआ हवा के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इसका असर रबी फसलों पर पड़ सकता है। यदि मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो उपज में कमी आना निश्चित है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।

न्यूनतम तापमान में हो रही वृद्धि रबी फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। फरवरी महीने में मौसम के बदलते तेवर और तापमान में बढ़ोतरी के कारण किसान परेशान हैं। इससे दलहनी फसलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

किसानों का कहना है कि देर से बुआई की गई चना और मसूर के पौधों में अभी फूल और फल लग रहे हैं, लेकिन अनुकूल तापमान न होने के कारण इन पौधों से फूल झड़ रहे हैं। इसके अलावा, मिट्टी से नमी गायब होने के कारण गेहूं की सिंचाई समय से पहले करनी पड़ रही है।

कौन सी फसलें होंगी प्रभावित
किसान विशेषज्ञों का कहना है कि न्यूनतम तापमान 15 फरवरी तक 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे होना चाहिए था, लेकिन क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 12 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।
इसके चलते गेहूं, सरसों, मसूर, चना और आम फसलों पर इसका सबसे ज्यादा असर होगा। रबी की फसलों के लिए ठंडे मौसम और ओस गिरने की प्रक्रिया जरूरी होती है।