पंजाब में टैक्स चोरी की चौंकाने वाली सच्चाई, 72 बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई
पंजाब टैक्स चोरी का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में बीते सात साल में 1,386 मामलों में 6,454 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई है। केंद्र की जीएसटी टीम की ओर से अब तक प्रदेश में 72 बड़े कारोबारियों पर नकेल कसी गई है।
पंजाब में टैक्स चोरी का गढ़ बनता जा रहा है
इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर भी प्रदेश में बड़ा खेल चल रहा है। पंजाब के वित्त एवं आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बीते अक्टूबर से कई मामलों को उजागर किया है, लेकिन अब भी प्रदेश
विज्ञापन की एक हजार से अधिक फर्म कराधान विभाग की जांच के दायरे में हैं, जिन पर कार्रवाई चल रही है
आईटीसी के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी
केंद्र की जीएसटी टीम के एक अधिकारी ने बताया कि 17 जुलाई, 2017 से दिसंबर 2024 तक पंजाब में टैक्स चोरी के 1,386 मामलों में उन्होंने कार्रवाई की है। वहीं, पंजाब सरकार ने इनपुट टैक्स
क्रेडिट (आईटीसी) के नाम पर हुए पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले में आबकारी एवं कराधान विभाग ने 152 फर्मों की पहचान की है। इन फर्मों ने फर्जी बिलों के आधार पर सरकार को करोड़ों की चपत लगाई है। फर्जी कंपनियां दिखा कर उनमें करोड़ों रुपये की ट्रांजेक्शन दिखाई और सरकार से करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट भी क्लेम किया। आईटीसी के नाम पर प्रदेश में चल रहे टैक्स चोरी के मामले में टैक्स कमिश्नर वरुण रूजम ने जुलाई 2024 में इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर 5,437 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया था।
303 लोहा कंपनियों और 2 गोल्ड फर्मों पर कार्रवाई
सरकार ने लोहा कारोबार से जुड़ी 303 फर्मों और दो गोल्ड कंपनियों पर कार्रवाई की थी। सोने का कारोबार करने वाली दो फर्मों ने 860 करोड़ रुपये के जाली बिल तैयार किए, जबकि लोहे का कारोबार करने वाली 303 फर्मों ने 4044 करोड़ रुपये के जाली बिल बनाकर सरकार से आईटीसी का लाभ लेने का खेल रचा था। इसके अलावा 68 फर्में ऐसी थीं, जिनके मालिकों ने अपने कर्मचारियों के नाम पर फर्म का पंजीकरण कर 533 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग की।